Monday 22 June, 2009

जालिम दुनिया...

यारों यह दुनिया बहुत जालिम हैं, यहाँ हर राज़ छुपाना पड़ता हैं
लाख ग़म हो दिल में, पर महफिल में मुस्कुराना पड़ता हैं।

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