Monday 6 April, 2009

अधूरी कहानी

लड़की :
मानते हैं कि हम जैसे तो आपके ज़िन्दगी में हजारों होंगे,
आप रूठे हैं तो हम मरते हैं,
मैं जो मरती हूँ तो क्या और भी मरते होंगे।

कसूर मेरा क्या हैं, यह मैं ना जानूं,
दिल में तेरे
क्या हैं, यह मैं ना जानूं,
अगर तुम रूठे हो तो मान जाओ,
दोस्ती पसंद नहीं तो तुम भी उसे तोड़ जाओ।


लड़का :
मानता हूँ मेरी ज़िन्दगी में हजारों हैं,
पर आप जैसा तो कोई नहीं,
तन-मन से हमको मारते हजारों हैं,
पर आप जैसा मरता कोई नहीं।

मेरे दिल के अन्दर क्या हैं,
यह कोई भी, मैं ख़ुद भी नहीं जानता हूँ,
पर इतना ज़रूर जनता हूँ,
कि मेरे सिवा कसूर किसी का भी नहीं।

आज बैठे बैठे हमको यह एहसास हुआ हैं,
कि हमारी दोस्ती आपके लिए क्या मायना रखती हैं,
ज़रा सी कश्ती हिल क्या गई,
दोस्ती तोड़ने तक की बात गई।


लड़की :
दोस्ती तोड़ने कि बात हमने इसीलिए की,
ताकि आप इस दिल में बसा प्यार पहचाने,
आप या आप कि दोस्ती क्या मायना रखती हैं,
यह मुझसे बेहतर वो भगवान् भी ना जाने।

दोस्ती आपकी बहुत कीमती हैं हमारे लिए,
कि हम उसे कभी तोड़ नहीं सकते,
आपकी मीठी
मीठी बातें भी उतनी ही कीमती हैं,
कि हम उनके बिना जी नहीं सकतें।

लड़का :

......................................................

No comments:

Post a Comment